ताजा समाचार

Kerala के मंदिर में हाथी का आक्रामक रूप, 20 से अधिक लोग घायल

Kerala के मल्लपुरम जिले के तिरुर स्थित याहू थंगल मंदिर में आयोजित हो रहे एक त्योहार के दौरान एक हाथी ने अचानक आक्रामक रूप ले लिया और श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया। इस घटना में 20 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना बुधवार रात करीब एक बजे हुई, जब यह चार दिन चलने वाला त्योहार समाप्त होने के कगार पर था। इस हादसे ने वहां मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मचा दी और कई लोग घायल हो गए।

हाथी का आक्रामक होना और हमले की शुरुआत

मंदिर में चल रहे त्योहार में पांच हाथी शामिल थे, जिनमें से एक हाथी, जिसका नाम पक्कथ श्रीकुट्टन था, अचानक आक्रामक हो गया। यह हाथी अन्य हाथियों के बीच खड़ा था और जब एक जुलूस पथनूर से मंदिर की ओर बढ़ रहा था, तो इस हाथी ने आक्रामकता दिखाई। हाथी ने अपने सामने खड़े एक व्यक्ति को अपनी सूंढ़ में दबोच लिया और उसे जोर से घुमा कर भीड़ में फेंक दिया। यह व्यक्ति तुरंत ही कटकल के MIMS अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

हादसा और भगदड़ की स्थिति

जैसे ही हाथी ने हमला किया, वहां पर भगदड़ मच गई। त्योहार के समापन के समय बड़ी संख्या में लोग मंदिर में एकत्रित हो गए थे। पक्कथ श्रीकुट्टन के हमले के बाद लोग इधर-उधर दौड़ने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। भीड़ में हर किसी के लिए अपनी सुरक्षा की चिंता बढ़ गई। इस दौरान करीब 24 लोग घायल हुए, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती किया गया, और उनमें से कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है।

घायलों का इलाज और स्थिति

घायलों में से जिन दो लोगों की हालत गंभीर है, उन्हें तुरंत ही कटकल के MIMS अस्पताल में भर्ती किया गया। अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, घायलों में से कई लोग भगदड़ के दौरान गिरने के कारण घायल हुए हैं। चोटों के अलावा, कुछ लोगों को मानसिक आघात भी हुआ है, क्योंकि इस हादसे ने भारी भय का माहौल बना दिया था। प्रशासन और पुलिस ने इस घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया और घायलों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की।

हाथी को नियंत्रित किया गया

हाथी के आक्रामक होने के बाद उसे नियंत्रित किया गया। वहां मौजूद मंदिर प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हाथी को शांत किया और उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया। इस हादसे के बाद प्रशासन ने मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का फैसला किया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

त्योहारों के दौरान सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता

केरल में हर साल कई स्थानों पर हाथियों का उपयोग धार्मिक समारोहों में किया जाता है, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं अक्सर सुरक्षा की कमी के कारण होती हैं। धार्मिक आयोजनों में हाथियों को शामिल किया जाता है, लेकिन उन्हें नियंत्रित करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक होता है। इस घटना के बाद, यह सवाल उठता है कि क्या इन बड़े जानवरों के साथ समारोहों में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की जाती है। हाथियों की आक्रामकता को समझना और उनके साथ काम करते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

हरियाणा-पंजाब पानी विवाद: सर्वदलीय बैठक शुरू, हरियाणा सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में
हरियाणा-पंजाब पानी विवाद: सर्वदलीय बैठक शुरू, हरियाणा सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में

केरल सरकार की प्रतिक्रिया

केरल सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और एक जांच कमेटी बनाई है, जो इस हादसे के कारणों की जांच करेगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए मंदिर प्रशासन और आयोजकों से सुरक्षा प्रोटोकॉल पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। सरकार ने यह भी कहा है कि ऐसे आयोजनों में शामिल होने वाले जानवरों की उचित देखभाल और प्रशिक्षण जरूरी है, ताकि इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

घटना पर सोशल मीडिया और वीडियो की प्रतिक्रिया

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें हाथी के आक्रामक होने के बाद की स्थिति को देखा जा सकता है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे लोग भगदड़ मचाने की कोशिश कर रहे हैं और हाथी का आक्रामक रूप देख कर लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे हैं। इस वीडियो ने घटना के गंभीरता को और अधिक उजागर किया है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना की निंदा की और प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग की।

भविष्य में सुरक्षा व्यवस्था पर विचार

यह घटना यह बताती है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में चूक हो सकती है, विशेषकर जब बड़े जानवरों को शामिल किया जाता है। हाथी जैसे बड़े और शक्तिशाली जानवरों के साथ समारोहों में उनकी सुरक्षा और उन्हें नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा, आयोजकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन घटनाओं में सुरक्षा के सभी मानकों का पालन किया जा रहा है।

तिरुर के याहू थंगल मंदिर में हुई इस घटना ने यह साबित कर दिया कि जब तक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था और जानवरों के नियंत्रण पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक इस तरह की दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं। प्रशासन और सरकार से उम्मीद की जाती है कि वे इस घटना से सीखते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएंगे। इस घटना के पीड़ितों के लिए हमारी संवेदनाएं हैं और हम उम्मीद करते हैं कि वे जल्द ही स्वस्थ होंगे।

Back to top button